मर्दो द्वारा महिलाओं की पिटाई के कई समाचार सुनने को मिलते हैं, लेकिन देवास जिले में एक ऐसा गांव भी है जहां गांव भर की महिलाएं बगैर छोटे बड़े का लिहाज किए एक दिन मर्दो की जमकर पिटाई करती हैं और मर्द महिलाओं की मार खाकर स्वयं को सौभाग्यशाली समझते हैं।
देवास जिले के आदिवासी बहुल गांव बोरपड़ाव में नवरात्रि के पांचवें दिन विशेष रूप से मर्दो की पिटाई का होता है। इस दिन गांव के चौक पर माता का प्रसाद रखा जाता है, जिसके आसपास महिलाएं वृक्षों की हरी-हरी टहनियों को लेकर खड़ी रहती हैं, जबकि गांव के मर्द टोलियों में प्रसाद लेने आते हैं और महिलाएं दनादन उनकी पिटाई करतीं हैं। गांव वालों का मानना है इस दिन महिलाओं से पिटना सौभाग्य का प्रतीक है। ऐसा ही नजारा हाल ही में देखने को मिला, जब गांव की महिलाओं ने प्रसाद लेने आए मर्दो की टोली की जमकर पिटाई की। मर्दो की इस पिटाई का नजारा देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों की भारी भीड़ इकट्ठा थी।
देवास जिले के आदिवासी बहुल गांव बोरपड़ाव में नवरात्रि के पांचवें दिन विशेष रूप से मर्दो की पिटाई का होता है। इस दिन गांव के चौक पर माता का प्रसाद रखा जाता है, जिसके आसपास महिलाएं वृक्षों की हरी-हरी टहनियों को लेकर खड़ी रहती हैं, जबकि गांव के मर्द टोलियों में प्रसाद लेने आते हैं और महिलाएं दनादन उनकी पिटाई करतीं हैं। गांव वालों का मानना है इस दिन महिलाओं से पिटना सौभाग्य का प्रतीक है। ऐसा ही नजारा हाल ही में देखने को मिला, जब गांव की महिलाओं ने प्रसाद लेने आए मर्दो की टोली की जमकर पिटाई की। मर्दो की इस पिटाई का नजारा देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों की भारी भीड़ इकट्ठा थी।
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