शुक्रवार, 28 मार्च 2008

मास्टरजी ! पास कर देना

पुंछ [दर्शन भारती]। जिले में शिक्षा विभाग कितना चौकस व ईमानदारी से कार्य कर रहा है इसका अंदाजा तो हर वर्ष घोषित वार्षिक परीक्षा परिणामों में झलक ही जाता है परंतु इस बार तो हद हो गई जब विद्यार्थियों को मजबूर होकर शिक्षकों से उत्तरपुस्तिकाओं में मानवता के आधार पर अंक देने की मांग करनी पड़ी।
विद्यार्थियों ने पुंछ जिले में शिक्षा के ढांचे की तस्वीर जिले में ही नहीं, प्रदेश स्तर तक पहुंचाने के लिए एक नई योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत आठवीं से 12वीं तक के विद्यार्थी अपनी उत्तर पुस्तिकाओं में स्कूलों की माली हालत बयान कर रहे हैं।
सुरनकोट जोन में आठवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का आकलन कर रहे कुछ शिक्षकों ने बताया कि अधिकतर स्कूलों में जिस विषय के शिक्षक नहीं हैं, उन विषयों की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं में विद्यार्थियों ने बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है कि 'न तो गणित के शिक्षक थे और न ही विज्ञान के तो पढ़ाई कैसे होती?..मानवता के आधार पर कृपया अंक दें'। 10वीं व 12वीं कक्षाओं की परीक्षाओं में भी विद्यार्थियों ने कुछ ऐसा ही लिखा है।
विद्यार्थियों द्वारा लिखी यह दास्तान शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है। विभाग की गलत तबादला नीति के कारण जिले में ऐसे दर्जनों स्कूल हैं जहां पर विज्ञान, गणित, अंग्रेजी आदि विषयों के शिक्षक न होने के कारण विद्यार्थी पूरे वर्ष इन विषयों की पढ़ाई नहीं कर पाते। ऐसे में विद्यार्थी करें भी तो क्या? आखिर जिन विषयों को उन्हें पढ़ाया ही नहीं गया, उन विषयों के प्रश्नों का जबाव वे कैसे दें?
ऐसे में मानवता के आधार पर अंक मांगने के सिवाय उनके पास कोई चारा भी नहीं है। विद्यार्थियों का कहना है कि शिक्षा विभाग की ढीली नीति के कारण उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक सुनील शर्मा का कहना है कि जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी से जोनल शिक्षा अधिकारी भ्रष्ट हैं। वे स्कूलों की जरूरत नहीं बल्कि अपनी जरूरत के अनुसार शिक्षकों के तबादले करते हैं, जिसका नुकसान विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने शिक्षा विभाग से मांग की है कि स्कूलों में जरूरत के आधार पर शिक्षकों को तैनात किया जाए।
मुख्य शिक्षा अधिकारी श्याम सुंदर दत्ता भी स्वीकारते हैं कि पहले पुंछ में यह समस्या थी परंतु नए शिक्षकों को तैनात कर अधिकतर स्कूलों की इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया गया है। फिर भी अगर किसी स्कूल में इस प्रकार की समस्या है तो उसे जल्द दूर किया जाएगा।

सहवाग ka तूफानी दोहरा शतक

मंगलवार, 25 मार्च 2008

सेहत का ख्याल भी रखता है लैपटाप!


चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वाली एक भारतीय कंपनी ने खास किस्म का लैपटाप बनाया है। यह लैपटाप हृदय और पेट की जांच के अलावा गर्भधारण संबंधी परीक्षण भी करेगा।
'ट्रिविट्रान मेडिकल सिस्टम्स' के निदेशक ए बी शिवशंकर ने बताया है कि चिकित्सकीय परीक्षण से संबंधित चलती-फिरती मशीनें अभी भारत में उपलब्ध नहीं है। यह मशीन लैपटाप और अल्ट्रासाउंड मशीन, दोनों तरह से काम कर सकती है। इसके जरिए ई-मेल द्वारा शरीर की जांच रिपोर्ट भी भेजी जा सकती है।
शिवशंकर के अनुसार परीक्षण करने वाला तंत्र साधारण से एप्पल मैकिनटाश लैपटाप कंप्यूटर पर काम करता है। इस सिस्टम में एक अल्ट्रासाउंड चिप मौजूद है जिसे ग्राहक की जरूरत के हिसाब से ढाला जा सकता है। यह लैपटाप हृदय संबंधी जांच, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड द्वारा स्तनों व पेट की जांच के अलावा लेप्रोस्कोपी और सोनोग्राफी जैसे काम भी कर सकता है। लैपटाप की कीमत 12 से 30 लाख के बीच है और इसका वजन तीन किलोग्राम तक है।

सबसे अधिक सताए जाते है बुजुर्ग

देश के सबसे संभ्रांत इलाकों में से एक दक्षिणी दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के साथ सबसे अधिक अत्याचार होते है। यहां रहने वाले बुजुर्गो को परिवार वालों से लेकर पड़ोसियों तक की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
गैर सरकारी संगठन 'हेल्प एज इंडिया' द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के साथ सबसे अत्याचार हो रहे है। संगठन द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में दिल्ली के 1183 वरिष्ठ नागरिकों ने हिस्सा लिया।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी दिल्ली में 41.6 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। अधिकतर मामलों में परिवार वालों द्वारा घर पर जबरन कब्जा करना शामिल है। साथ ही कई बार इन लोगों को अपने किराएदारों से भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दक्षिणी दिल्ली के बाद बुजुर्गो का सबसे अधिक उत्पीड़न मध्य दिल्ली में होता है। रिपोर्ट के अनुसार यहां 20.8 फीसदी बुजुर्गो को विभिन्न प्रकार के परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं पूर्वी दिल्ली में 8.3 प्रतिशत और पश्चिम दिल्ली में 15.27 प्रतिशत बुजुर्गो को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। हालांकि, उत्तरी दिल्ली का आंकड़ा दिल्ली के अन्य हिस्सों की तुलना में कहीं कम [5.5] प्रतिशत है।
वरिष्ठ नागरिकों को संपत्ति को लेकर सबसे अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रिपोर्ट के अनुसार 52 फीसदी बुजुर्गो को संपत्ति संबंधी समस्यों से जूझना पड़ता है। 'हेल्प एज इंडिया' की कम्युनिकेशन प्रमुख निधि राजकपूर के अनुसार महिलाओं से अधिक पुरुषों को इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, 'संपत्ति संबंधी उत्पीड़न का शिकार होने वाले वरिष्ठ नागरिकों में 49 फीसदी पुरुष है। वहीं इन बुजुर्गो को कानून और पुलिस पर भी अधिक भरोसा नहीं है।' रिपोर्ट के अनुसार 49 प्रतिशत बुजुर्गो का उत्पीड़न उनके परिवार वाले ही करते है। वहीं पड़ोसी, कंपनियां और मकान मालिक या किरायेदारों द्वारा भी इन्हे सताया जाता है।

25 साल से खा रहा है जिंदा सांप

पुरुलिया [पश्चिम बंगाल], जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत लोहारशोल ग्राम की बस्ती के प्राय: सभी परिवार वंश परंपरा में सांप का खेल दिखाकर अपने परिवार की जीविका चलाते हैं। इसके अलावा इस गांव की एक अलग पहचान माझी वेदा के कारण भी बनी है। माझी पिछले 25 साल से जिंदा सांप को अपने मुंह के भीतर डालकर काफी समय रखने के बाद पुन: उसे जिंदा बाहर निकालता है। इसके अलावा वह जिंदा सांप को खा भी जाता है।
50 वर्षीय माझी ने जिंदा सांप खाने तथा सांप का खेल दिखाने की कला अपने पिता से सीखी है। उसने बताया कि पहले उसे काफी डर लगता था। परंतु अब वह किसी भी सांप को आसानी से पकड़कर अपने मुंह में डालकर खा जाता है। मां मनसा पूजा के दौरान यह खतरनाक खेल माझी लोगों के समक्ष करता है। जिंदा सांप खाने के बाद कैसा लगता है के सवाल के जवाब में माझी ने कहा कि पेट के अंदर जिंदा सांप प्रवेश करने पर काफी कष्ट होता है तथा यह शरीर के लिए भी हानिकारक है। परंतु जीविका के लिए सबकुछ करना पड़ता है।

सोमवार, 24 मार्च 2008

भारत के पास सही संयोजन: कालिस


दक्षिण अफ्रीका के आलराउंडर जैक्स कालिस ने युवा और अनुभवी खिलाडि़यों का सही मिश्रण रखने के लिए भारतीय टीम की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी टीम बुधवार से शुरू हो रही तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में मेजबान टीम की चुनौती से निपटने को तैयार है।
एमए चिदंबरम स्टेडियम में टीम के अभ्यास सत्र के बाद कालिस ने कहा, भारतीय जिस तरह से आस्ट्रेलिया में खेले वह हैरानी भरा था क्योंकि वहां के हालात यहां के मुकाबले अलग होते हैं। वहां पिच काफी अधिक तेज और उछालभरी होती हैं। अतीत में भी भारत ने घरेलू पिचों पर अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन विदेशों में उसका प्रदर्शन ऐसा नहीं था। भारत के अनुभवी और युवा खिलाडि़यों के बारे में उन्होंने कहा, आपको युवा और अनुभवी खिलाडि़यों का सही संयोजन स्थापित करना ही होगा। मुझे लगता है कि भारत को सही संयोजन मिल गया। उनके पास अब कुछ अच्छे गेंदबाज भी आ रहे हैं।
आगामी सीरीज के बारे में कालिस ने कहा, मौजूदा दौरा और इसके बाद होने वाला आस्ट्रेलिया तथा इंग्लैंड दौरा बड़ी चुनौती होंगे। उन्होंने कहा, हमारे खिलाड़ी उत्सुक हैं और काफी प्रेरित हैं। एक टीम के रूप में हम इस सीरीज की तैयारी कर रहे हैं। इस आलराउंडर ने कहा, यह सीरीज काफी कठिन होगी और व्यक्तिगत प्रदर्शन की जगह टीम प्रदर्शन अहम होगा। टीम के कुछ युवा खिलाडि़यों को अब जरूरी अनुभव मिल गया है और काफी समय बाद दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी भी अच्छी लग रही है। कालिस ने इस संदर्भ में कहा, वे बीस विकेट लेने में सक्षम हैं जो आपको टेस्ट में जीत दिला सकता है।
मीडिया से बात करने वाले स्पिनर पाल हैरिस ने कहा, मैं सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करने का इंतजार कर रहा हूं जो भारतीय बल्लेबाजों में सर्वश्रेष्ठ हैं। यह पूछने पर कि क्या वह किसी विशेष बल्लेबाज को निशाना बनाएंगे तो बाएं हाथ के इस गेंदबाज ने कहा, मैं किसी को निशाना नहीं बनाने वाला लेकिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करना अच्छा होगा। हर गेंदबाज का सपना होता है कि वह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को गेंदबाजी करे।

शनिवार, 15 मार्च 2008

रोमांच से भरपूर है रेस

अब्बास मस्तान की एक्शन, थ्रिलर और रोमांच से भरपूर रेस दो भाइयों की कहानी है। इसमें मुख्य भूिमका सैफ अली खान, अक्षय खन्ना, बिपाशा बसु, कैटरीना कैफ, अनिल कपूर और समीरा रेड्डी ने निभायी है।
रणवीर सिंह (सैफ अली खान) और राजीव सिंह (अक्षय खन्ना) जीवन के एक ऐसे मोड़ पर है जिसमें रेस उनका पेशा है और खतरों से खेलकर जीत हासिल करना उनकी आदत। सोफिया (कैटरीना कैफ) रणवीर की खूबसूरत सेक्रेट्री है जो उसका सारा काम संभालती है। शाइना (बिपाशा बसु) ने एक खूबसूरत ग्लैमरस मॉडल का किरदार निभाया है जिसे एक ऐसे व्यक्ति की तलाश है जो उसे अपने दिल में जगह दे सके और इसके लिए उसे इंतजार है रणवीर सिंह के प्रेम निमंत्रण का।
रॉबर्ट डी कोस्टा (अनिल कपूर) ने एक जासूस का किरदार निभाया है जो फल खाकर लोगों की समस्याएं हल करता है। मिनी (समीरा रेड्डी) रॉबर्ट डी कोस्टा की सेक्सी सेक्रेट्री बनी है। जो बात-बात पर बेवकूफी भरे सवाल करती है इसे देखकर दर्शकों को एक बार छोटे पर्दे के करमचंद और किटी की याद जरूर आ जाएगी।
शानदार लोकेशन, हॉट सीन और जबर्दस्त रोमांच इस फिल्म की खासियत है उम्मीद है कि इस फिल्म को शानदार ओपनिंग मिलेगी लेकिन पर्दे पर फिल्म कितनी कामयाब होती है ये तो रिलीज के बाद ही पता चलेगा।

सुख नहीं आनंद खोजो

सुख और आनंद के मध्य अत्यंत सूक्ष्म भेद है। यह भेद इतना सूक्ष्म है कि कुछ लोग सुख को ही आनंद मान लेते हैं। यह कह देना कि सुख की पराकाष्ठा ही आनंद है-पूर्णत: उचित नहीं होगा। स्थूल रूप से बात करें तो कह सकते हैं कि सुख का संबंध शरीर और आनंद का संबंध आत्मा से होता है। कभी-कभी तो सुख के त्याग से भी आनंद की प्राप्ति होती है और कभी हम हाथ आए हुए आनंद के क्षणों की उपेक्षा करके केवल सुख प्राप्ति से ही संतुष्ट हो जाते हैं। अत:न तो इन्हें एक दूसरे का पूरक ही कहा जा सकता है-और न ही विरोधी। परंतु यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि सुख जीवन का अस्थायी भाव है और आनंद प्राप्त होने पर यह जीवन का स्थायी भाव हो जाता है। सुख का क्षय संभव है पर आनंद अक्षय है। बृहदारण्यकउपनिषद में हमें इसका अत्यंत सुंदर उदाहरण मिलता है, जहां महर्षि याज्ञवल्क्यसे मैत्रेयीपूछती हैं कि यदि सारी पृथ्वी धन-धान्य से पूर्ण हो जाए तो क्या मैं अमृत पद प्राप्त कर लूंगी? याज्ञवल्क्यने इसके जवाब में कहा-नहीं! ऐसा नहीं हो सकता। सांसारिक पदार्थो के बाहुल्ययुक्त व्यक्तियों का जैसा जीवन होता है वैसा ही तुम्हारा जीवन हो जाएगा। अर्थात सुख और संपन्नता से अमृत-पद प्राप्त नहीं किया जा सकता। यदि सुख ही मोक्ष का कारण होता तो भला इंद्र से अधिक सुखी और कौन है? परंतु सुखोंमें रचा-बसा इंद्र भोग का नियामक तो हो सकता है-मोक्ष का नहीं। इसी प्रकार आनंद भोग में नहीं है-भोग में केवल सुख है, आनंद तो त्याग में है। दण्ड देने में सुख तो हो सकता है पर आनंद तो क्षमा करने में है। बलशाली व्यक्ति अपने भय से स्थापित साम्राज्य का सुख-भोग तो कर सकता है, परंतु उसे आनंद प्राप्त करने के लिए मित्रता और कोमलताको अपनाना पडता है, क्योंकि स्वभाव की कोमलताहमारी आत्मा में ईश्वरत्वका अंश है। दया, धैर्य, समर्पण संतोष ओर पवित्रता हमारी आत्मा में आनंद का संचार करने वाले ऐसे तत्व हैं जो हमारे चारों ओर आनंद लोक निर्माण करते हैं।
अथर्ववेदमें कहा भी गया है-
शुक्रोऽसि भ्राजोऽसिस्वरसिज्योतिरसि..
अर्थात् तू शुद्ध, तेजस्वी आनंदयएवं प्रकाशमान आत्मा है। शुद्धता, आनंद और प्रकाश का यही आत्मतेजतेरे मुखमण्डल से भासित होना चाहिए। परंतु यह तभी संभव है, जब क्षमा, त्याग, दया, धैर्य, संतोष और समर्पण हमारे जीवन के आधार हों और इनका आनंद हमारी आत्मा को उद्भासित करे। इसलिए हमें सुख की नहीं-आनंद की कामना करनी चाहिए। महाभारत के शांतिपर्वमें कहा गया है कि सांसारिक भोगों में और स्वर्गादिके दिव्य महान सुखोंमें कोई सा भी सुख तृष्णा क्षय के सुख के सोलहवें भाग के बराबर भी नहीं। किसी भीड भरी यात्रा में बैठने का स्थान पाना सुख का कारण तो हो सकता है पर आनंद की अनुभूति तभी होती है यदि हम उस स्थान को किसी निर्बल और अवश व्यक्ति के लिए छोड देते हैं। संचय कर लेने से सुख तो स्वाभाविक है, परंतु आनंद की उत्पत्ति तभी संभव है जब हम ठंड से ठिठुरते किसी व्यक्ति पर दोशाला डालते हैं। पर्याप्त जल-भंडार के साथ मरुस्थल की यात्रा निरापद तो हो सकती है, परंतु आनंद तभी उपजता है जब हम लू के थपेडे झेलते हुए किसी प्यासे को दो घूंट पानी पिलाते हैं। हमारे दैनिक जीवन में ऐसे अनेकानेक अवसर आते हैं, जब हम दूसरे को सुख देकर अपने लिए आनंद बटोर सकते हैं। यही आनंद हमारी आत्मा को स्पर्श करता है और हमारे व्यक्तित्व को तेजोमय बनाता है। आवश्यक नहीं कि आनंद की व्युत्पत्ति केवल मनुष्य को ही सुख देने से हो-इसे हम अपने चारों ओर रहने वाले पशु-पक्षी, पेड-पौधे और अन्य जीवधारियोंसे भी प्राप्त कर सकते हैं। पर आनंद को कुछ घटनाओं, क्रियाओं और संदर्भो के आधार पर परिभाषित नहीं किया जा सकता है। जैसे महारासने तो वृंदावन को ही आनंद लोक में परिवर्तित कर दिया था जहां गोपीरूपीआत्माएं आनंदरूपीरास के माध्यम से परमानंद परमात्मा में विलय की चेष्टाएं करती हुई दिखलाई देती हैं। चैतन्य महाप्रभु का संकीर्तन इसी आनंद की प्राप्ति की ओर अग्रसर होता था। संत रैदासअपना कार्य करते समय भगवत भजन करते रहते थे। संत कबीर करघा चलाते हुए भजन गाते थे, क्योंकि अपने कार्याें से उन्हें जीविकोपार्जन का सुख तो मिलता था पर आनंद ईश्वर को स्मरण करने से ही मिलता था। नानक, सूर, तुलसी और मीराभी इस आनंद-पाठ के उदाहरण हैं।

भारतीय मूल का व्यक्ति कौन है?

क. भारत में बैंक आउंट खुलवाने शेयर और सेक्यूरिटी बांड में निवेश करने में सुविधा प्रदान करने के मद्देनजर - एक विदेशी नागरिक(पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को छोड़कर) को निम्नंकित शर्तो पर भारतीय मूल का माना जा सकता है-
1. वह भारतीय पासपोर्ट धारक हो।
2. भारतीय संविधान की धाराओं तथा नागरिकता अधनियम 1955 के अनुसार किसी व्यक्ति के अभिभाव या उसके पूर्वज भारतीय नागरिक रहे हों।
नोट:- भारत या भारतीय मूल के नागरिक की पत्‍‌नी(पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को छोड़कर) को भी भारतीय नागरिक का दर्जा दिया जाएगा। लेकिन इन्हें बैंक काउंट खोलने, शेयर, सेक्यूरिटी बांड खरीदने जैसे कार्य अपने प्रवासी भारतीय पत्‍‌नी के साथ ही करना होगा।
ख.- अचल संपत्तियों में निवेश के लिए विदेशी नागरिक (पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के नागरिकों को छोड़कर) भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है, अगर-
3. वह भारतीय पासपोर्ट धारक हो।
4. भारतीय संविधान या 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत उसके माता-पिता या पूर्वज भारतीय नागरिक रहे हों।
ओसीबी क्या है?
इसका मतलब ओवरसीज कारपोरेट बॉडिज एक ऐसी संस्थान है जिसका किसी भारतीय या भारतीय मूल के व्यक्ति द्वारा 60 प्रतिशत से अधिक संपत्ती का स्वामित्व हो अप्रवासी भारतीयों को दी जाने वाली सारी सुविधाएं ओसीबी को तब तक प्राप्त होंगी जब तक कि उनका संस्थान पर स्वामित्व रहेगा तथा उनकी संस्था लाभ कमाने की स्थिति में रहेगी।
भारत में पैसा कैसे भेजा जा सकता है?
भारत में पैसे केवल सामान्य बैंकिंग चैनल द्वारा ही किया जा सकता है। हालांकि खाड़ी क्षेत्रों में स्थित एक्सचेंज हाउस को भी भारत में पैसे भेजने का अधिकार दिया गया है। इसके लिए उसे डिमांड ड्राफ्ट, मेल ट्रांसफर और टेलिग्राफिक आर्डर जैसे माध्यमों को अपनाना होगा।
अप्रवासी भारतीयों द्वारा किस तरह के बैंक खातों का उपयोग किया जा सकता है?
अप्रवासी भारतीय जिन बैंक खातों का प्रयोग कर सकते हैं उन्हें निमनंकित शीर्षकों में सूचीबद्ध कर सकते हैं:-
क. वर्गीकरण का आधार बैंक खाता की मुद्रा होनी चाहिए।
1. भारतीय रुपया
2. विदेशी मुद्रा खाता
ख. फंड के आधार पर वर्गीकरण
प्रवासी भारतीयों द्वारा भारत के किसी बैंक में खाता खुलवाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से अनुशंसा की जरूरत है?
अप्रवासी भारतीय किसी भी बैंक में खाता खुलवाने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके लिए किसी भी बैंक से अग्रिम अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

कई वाक युद्धों पर भारी एक जीत : धोनी


नई दिल्ली। एक विजय लाखों वाक युद्ध में जीत के समान होती है। यह शब्द भारतीय एक दिवसीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हैं जो उन्होंने आस्ट्रेलिया पर हाल में त्रिकोणीय सीरीज में जीत के संदर्भ में कहे जिसमें आस्ट्रेलियाई खिलाडि़यों ने हरभजन सिंह और अन्य के खिलाफ वाक युद्ध छेड़ रखा था।
धोनी ने एक पत्रिका के ताजा अंक में कहा, हमने उनको करारा जवाब दिया लेकिन दूसरी तरह से। उन्होंने कहा, हम आस्ट्रेलिया के उकसाने वाले व्यवहार पर प्रतिक्रिया करने से बचते रहे क्योंकि मैं जानता था कि मेरी टीम विश्व चैंपियन को मैदान पर करारा जवाब दे सकती है। उन्होंने कहा, मैं शब्दों के बजाय प्रदर्शन पर विश्वास करता हूं। भारतीय पत्रकार लगातार मुझसे आस्ट्रेलियाई टीम के कुछ चोटी के खिलाडि़यों की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया मांगते रहे लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा। सर्वश्रेष्ठ जवाब आपका प्रदर्शन होता है।
धोनी ने कहा, मैं जानता था कि हम जीतेंगे और इसलिए प्रतिक्रिया करने से बचता रहा। मैं जानता था कि हम उचित समय पर इसका उन्हें करारा जवाब देंगे। धोनी से जब पूछा गया कि उनके आदर्श खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट के संन्यास लेने पर वह कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, मुझे वास्तव में बुरा लग रहा है लेकिन मुझे खुशी भी है क्योंकि वह आईपीएल का हिस्सा हैं और हमें इस महान खिलाड़ी को खेलते हुए देखने का मौका मिलेगा। वह अभी चुका नहीं है।
भारत की त्रिकोणीय सीरीज की एतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले धोनी ने कहा, इस लंबे दौरे में उन्हें घर का खाना और अपने दो पालतू कुत्तों की कमी खली। उन्होंने कहा, मुझे अपने घर के खाने तथा अपने दो कुत्तों जारा और सैम की कमी खली। घर में घुसने के बाद मैं अपने परिजनों से मिलने से पहले इन दोनों को मिलने चला गया। एक दिवसीय कप्तान ने कहा, प्रवीण कुमार से आगे भी काफी संभावनाएं रहेंगी जबकि ईशांत शर्मा भी अच्छा गेंदबाज है। उन्होंने कहा, प्रवीण कुमार बेहतरीन तरीके से गेंद को स्विंग कराते हैं। ईशांत अच्छा है लेकिन उन्हें अपनी फिटनेस पर ध्यान देना होगा।

वनडे रैंकिंग में एक स्थान खिसके सचिन


दुबई। बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में शानदार प्रदर्शन के दम पर दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ ने आईसीसी की एक दिवसीय बल्लेबाजी रैंकिंग में सचिन तेंदुलकर को नंबर वन के सिंहासन से हटा दिया है।
स्मिथ बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज से पहले तीसरे स्थान पर है। उन्होंने 199 रन बनाकर प्लेयर ऑफ द सीरिज का पुरस्कार जीता और 39 रेटिंग अंक भी हासिल किए। इससे वह तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग से आगे निकल गए। स्मिथ टेस्ट रैंकिंग में 14वें स्थान पर हैं और इसमें सुधार के लिए अब उनकी निगाहें भारत में 26 मार्च से खेली जाने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज पर होंगी। आस्ट्रेलिया के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज के दो मैचों में शानदार प्रदर्शन के बूते नंबर एक पर पहुंचने वाले तेंदुलकर दो हफ्ते से भी कम समय तक इस स्थान पर रहे। भारतीय वनडे टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 10वें और युवराज सिंह 17वें स्थान पर हैं। दक्षिण अफ्रीका के एबी डीविलियर्स ने छह स्थानों पर छलांग लगाते हुए नौवें स्थान पर कब्जा जमाया है। जून में आस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच पांच वनडे मैचों की सीरीज से पहले स्थिति में बदलाव की उम्मीद कम है।
गेंदबाजों में दक्षिण अफ्रीका के आंद्रे नेल 10 पायदान की छलांग लगाकर छठे स्थान पर पहुंच गए। भारत की ओर से हरभजन सिंह 19वें स्थान पर हैं। वहीं न्यूजीलैंड के डेनियल विटोरी नंबर एक पर काबिज हैं।