सोमवार, 25 फ़रवरी 2008
डिजाइनिंग का कमाल कार बनाएं बेमिसाल
टाटा की कॉम्पैक्ट लखटकिया कार नैनो ने अपनी कीमत, लुक और माइलेज से ऑटो वर्ल्ड में तहलका मचा दिया है। सबकी जुबान पर यही सवाल रहा कि आखिर केवल एक लाख रुपये में कार कैसे बनाई जा सकती है? लेकिन जब पिछले दिनों दिल्ली में हुए एक ऑटो-एक्स्पो में इस कार का दीदार हुआ, तो लोग इसे देखकर दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए। आम आदमी की जेब को ध्यान में रखकर बनाई गई इस मुश्किल कार को हकीकत में बदला है 35 वर्षीय इंजीनियर गिरीश वाग और उनकी टीम ने। स्टाइलिश नैनो के प्रति दीवानगी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी दिख रही है। नैनो से छोटी कारों के बाजार में मची हलचल के कारण टाटा के अलावा अन्य ऑटो कंपनियां भी इस तरह का कार लाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। भारत में आम और मध्यमवर्गीय लोगों के विशाल बाजार को देखते हुए कार कंपनियों में नए-नए मॉडलों और डिजाइनों से उन्हें आकर्षित करने की होड मच गई है। इसके लिए उन्हें उम्दा प्रोटोटाइप मॉडलों की तलाश भी है, जिसे क्रिएटिव ऑटो इंजीनियर ही अंजाम दे सकते हैं। हालांकि हकीकत यह है कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के पास इस समय ऐसे ऑटो इंजीनियरों की भारी कमी है। इसलिए यदि आपकी दिलचस्पी इस क्षेत्र में है और आप अपने क्रिएटिव वर्क से दुनिया में नाम कमाना चाहते हैं, तो ऑटो इंजीनियरिंग कोर्स करके इस क्षेत्र में कदम रख सकते हैं। भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में ऑटोमोबाइल कंपनियों में बढती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इस सेक्टर में आकर्षक जॉब की भरपूर संभावनाएं हैं। इस बात की पुष्टि नैस्कॉम-बूज एलेन हैमिल्टन की रिपोर्टसे भी होती है, जिसके मुताबिक इंजीनियरिंग सर्विस का ग्लोबल आउटसोर्सिग मार्केट करीब 10-15 अरब डॉलर का है, जिसके वर्ष 2020 तक बढकर 150-225 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। इस ग्लोबल मार्केट में भारत का योगदान लगभग 25-30 प्रतिशत होगा। इससे वर्ष 2020 तक करीब 2.5 लाख ऑटो डिजाइन इंजीनियर्स को नियुक्तियां मिलेंगी।
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