हाल ही हफ्ते तीन फिल्में रिलीज हुई। तीनों का ही बॉक्स आफिस पर बुरा हाल रहा। किसी भी फिल्म को बीस प्रतिशत से अधिक दर्शक नहीं मिले।
पाकिस्तान से आई खुदा के लिए के प्रति उत्सुकता थी। मुंबई में इसे दर्शक भी मिले। बाकी शहरों में दर्शकों ने अधिक रुचि नहीं दिखाई। इस फिल्म की रिलीज से दर्शक वाकिफ नहीं थे। अगर इस फिल्म का कायदे से प्रचार किया गया होता तो और ज्यादा दर्शक मिल सकते थे। हां, समीक्षकों ने इसे अधिक पसंद किया। इस फिल्म में कोई बड़ा स्टार नहीं था, इसलिए फिल्म को आरंभिक दर्शक नहीं मिले।
शौर्य जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बावजूद होम वीडियो के जरिए दर्शकों के बीच बनी रहती हैं। समर खान को अपनी फिल्म की ऐसी ही मौजूदगी से संतुष्ट होना पड़ेगा। पवन कौल की भ्रम को लेकर दर्शक भ्रमित नहीं रहे। वे सिनेमाघरों में नहीं गए।
अश्वनी धीर की वन टू थ्री भी दर्शकों ने खारिज कर दी। आम तौर पर कामेडी फिल्में औसत व्यवसाय कर लेती हैं, लेकिन इस फिल्म का अनुभव अच्छा नहीं रहा।
अब्बास मस्तान की रेस के दर्शक कम हुए हैं। यह फिल्म बड़े शहरों में अभी तक ठीक-ठाक व्यवसाय कर रही है, लेकिन छोटे शहरों और सिंगल स्क्रीन में फिल्म टिकी नहीं रह सकी।
बुधवार, 9 अप्रैल 2008
हाल बुरा बॉक्स ऑफिस का
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